समय का पंछी - The Indic Lyrics Database

समय का पंछी

गीतकार - असद भोपाली | गायक - महेंद्रा केपर | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1967

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समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए
एक उजला एक कला पर फैलाये
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए

जबसे आये दिन सावन के
धरती झूमे दुल्हन बांके
जबसे आये दिन सावन के
धरती झूमे दुल्हन बांके
डाली डाली लचकि जाये
डाली डाली लचकि जाये रे
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए
एक उजला एक कला पर फैलाये
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए

बरखा रुत ने ज़ुल्फ़े झटकी
मोती बिखरे कलिया चटकी
बरखा रुत ने ज़ुल्फ़े झटकी
मोती बिखरे कलिया चटकी
गली गली महकी जाये
गली गली महकी जाये रे
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए
एक उजला एक कला पर फैलाये
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए

अबकी बरस भी रुत अलबेली
साज़ दहेज के आयी है अकेली
अबकी बरस भी रुत अलबेली
साज़ दहेज के आयी है अकेली
कोई नहीं साथि है
कोई नहीं साथि हा रे रे
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए
एक उजला एक कला पर फैलाये
समय का पंछी उड़ता जाए
समय का पंछी उड़ता जाए.