अंगिया में अंग ना समाए - The Indic Lyrics Database

अंगिया में अंग ना समाए

गीतकार - समीर | गायक - सुषमा श्रेस्ता | संगीत - दिलीप सेन, समीर सेन | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1994

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अँगिया में अंग
न समाये बलमा
अँगिया में अंग
न समाये बलमा
मीठी मीठी
चुभन जगाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन
आजा न मोरे
पिया लगे न मोरा जिया
तक दिन दिन
तक दिन दिन
यद् पे गिणती हु
तेरे दीन दीन दीन दीन

अँगिया में अंग
न समाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन
मीठी मीठी चुभन
जगाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन

मेरे नैन नशीले
मेरे होठ रसीले
तू देख तो मुझको
मेरे चाईं छबीले
मेरी चढ़ती जवानी
दरिया का पानी
मेरे बस में नहीं
है अब दिलबर जानी
आयी है कैसी उम्र
चढ़ता है कैसा जहर
कटती है रेट
तारे गिन गिन गिन
अँगिया में अंग
न समाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन
मीठी मीठी चुभन
जगाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन

कोई कहे यहाँ है
कोई कहे वह है
बतला बेदर्दी
मुझे दर्द कहा है
क्या हल बताओ
कैसे समझाऊं
दिलदार तड़प के
मैं मर न जाऊं
जगी है कैसी ागन
जलता है मेरा बदन
जीना सकुंगी मई
तेरे बिन बिन बिन बिन
तक दिन दिन
तक दिन दिन
तक दिन दिन
तक दिन दिन
अँगिया में अंग
न समाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन
मीठी मीठी चुभन
जगाये बलमा
तक दिन दिन
तक दिन दिन.