क़यामत है ये कैसी गम की शाम है ये कैसी - The Indic Lyrics Database

क़यामत है ये कैसी गम की शाम है ये कैसी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर, सहगान, किशोर कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - श्री नटवरलाल | वर्ष - 1979

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क़यामत ही क़यामत है
क़यामत ही क़यामत है
ये कैसी गम की शाम है
ये कैसी क़यामत है

सवाल का जवाब दे क्यों
तेरे होते हुए है ये
ये दुआ है या बद्दुआ है ये
क्यों तेरे होते हुए ये
ये दुआ है या बद्दुआ है ये
बसी बस्ती उजड़ जाए
बसी बस्ती उजड़ जाए
क्या अपना ये अन्जाम है क्या अपना

क़यामत ही क़यामत है
क़यामत ही क़यामत है

पुकार है इंतज़ार है
किसी रोज़ तो कोई आएगा
हम सबकी जो बिगड़ी बनाएगा
किसी रोज़ तो कोई आएगा
हम सबकी बिगड़ी बनाएगा
चले आए यहां तक हम
चले आए यहां तक हम
अब आगे तेरा काम है अब आगे
अब आगे तेरा काम है अब आगे
क़यामत है.