नज़रों से आज दिल में समाने की रात हैं - The Indic Lyrics Database

नज़रों से आज दिल में समाने की रात हैं

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - गेम्बलर | वर्ष - 1960

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मु : नज़रों से आज दिल में समाने की रात है
ल : ये रात तो नसीब जगाने की रात हैसुन लो ज़रा क़रीब से ये दिल की धड़कनें
ये दिल का हाल सुनने-सुनाने की रात है
मु : नज़रों से आज ...क़दमों में क्यूँ बिछी हुई है आज चाँदनी
पलकों पे चाँदनी को बिठाने की रात है
ल : नज़रों से आज ...देखो फ़लक़ की माँग सितारों से भर गई
मु : ज़ुल्फ़ों में भी सितारे सजाने की रात है
दो : नज़रों से आज ...