देखो जी देखो पंजाबी कुड़ी मारे झटके - The Indic Lyrics Database

देखो जी देखो पंजाबी कुड़ी मारे झटके

गीतकार - समीर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, अभिजीत | संगीत - दिलीप सेन-समीर सेन | फ़िल्म - सालाखें | वर्ष - 1998

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देखो जी देखो दिल मेरा धड़के शोला सा कोई आँखों में फड़के
नींद चुराए होश उड़ाए इसकी अदाएं बड़ी हट के
पंजाबी कुड़ी मारे झटकेदेखो जी देखो कैसे अकड़ के बातें करे मेरी बाहें पकड़ के
मुझको सताए नैना लड़ाए छेड़े मुझे ज़िद करके
पंजाबी मुंडा मारे झटकेदांतों के नीचे उंगली दबा के दीवाना कर दे ये मुस्कुरा के
मेरी अदा में क्यों ऐसे मरता मेरे लिए क्यों आहें है भरता
गाल गुलाबी चाल शराबी देखूं इसे तो आँख फड़के
पंजाबी कुड़ी मारे झटके ...हथ लगा ना दिलबरजानी नादान समझ ना मैं हूँ सयानी
मिर्ची के जैसी बोली ये बोले ऐसे चले जैसे नागिन डोले
पागल बड़ा है पीछे पड़ा है ताने कसें सब लड़के
पंजाबी मुंडा मारे झटके ...