सुलझाओ ना उलाझी ज़ुल्फ़ोन को - The Indic Lyrics Database

सुलझाओ ना उलाझी ज़ुल्फ़ोन को

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - आशा भोंसले, मुकेश | संगीत - रवि | फ़िल्म - | वर्ष - 1962

View in Roman

मु : सुलझाओ न उलझी ज़ुल्फ़ों को
हम उलझन में पड़ जाते हैं
सुलझाओ न उलझी ...
आ : यूँ देख के उलझी नज़रों से
क्यूँ आप हमें उलझाते हैं
मु : सुलझाओ न उलझी ...हम डूब रहे हैं मस्ती में ऐसे में पलकें झपकाना
आ : डर है आँखों में बन जाए न कोई अफ़साना
मु : ये पल तो गुज़र जाते हैं मगर
अफ़साने ही रह जाते हैं
सुलझाओ न उलझी ...आ : इन बहकी बातों से देखो जी हमें न बहकाओ
मु : मुद्दत से यूँ ही तड़पते हैं अब और हमें ना तड़पाओ
आ : हम प्यार की लम्बी राहों पे
चलने से भी घबराते हैं
मु : सुलझाओ न उलझी ...