मेरे पांव के घुंघरू - The Indic Lyrics Database

मेरे पांव के घुंघरू

गीतकार - माया गोविंद | गायक - अंजलि राम | संगीत - नितिन मंगेशकर | फ़िल्म - आफ़त | वर्ष - 1977

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मेरे पाँव के गुंगरू कहते है
मेरे पाँव के गुंगरू कहते है
कोई पाओ से हमको लिप्त ले
अरे तू भी आजा झटपट साइन से मई
रियली पैट खटपट छोड पिया
तुझे प्यार मै करना सिखलाडु

मेरे पाँव के गुंगरू कहते है

एक तेरा दिल ले जाओ
आ जाओ पैसो का मुहे
मत देखो ओ राजा जवानी में
एक तेरा दिल ले जाओ
दिल दे जाओ निशानी में
आ जाओ पैसो का मुहे
मत देखो ओ बाबू जवानी में
अरे बीवी को सुनना
बाल बच्चो को मनना
महबूबा को न रांझना रसिया
हे तुझे प्यार मै करना सिखलाडु

मेरे पाँव के गुंगरू कहते है
ाफ़त हु मस्ति हु अकेलि हु
पहली हुँ अरे चूब जाऊ तो कान्ता हु
और चहु जाऊ तो खिलति चमली हु
ाफ़त हु मस्ति हु अकेलि हु
पेहली हु क्या समझे
अरे चूब जाऊ तो कान्ता हु
और चहु जाऊ तो खिलति चमली हु
अरे जुल्फो के जल
चल मेरे वॉर को संभल रसिया
तुझे प्यार मै करना सिखलाडु

मेरे पाँव के गुंगरू कहते है

इमली सी कहती हू मै
मीठी गुड़ के दहली सी
अरे खुश हु तो जलेबी हु
पर गुसे में हुँ बजी करले की
इमली सी कहती हू मै
मीठी गुड़ के दहली सी
अरे खुश हु तो जलेबी हु
पर गुसे में हुँ बजी करले की
अरे दिल चूहे दानी मेरे
बल मच्छर दानी मेरे नैन सुरमे दानी रसिया
हे

मेरे पाँव के गुंगरू कहते है
कोई पाओ से हमको लिप्त ले
अरे तू भी आजा झटपट साइन से मई
रियली पैट खटपट छोड पिया
तुझे प्यार मै करना सिखलाडु

मेरे पाँव के गुंगरू कहते है.