मेरा पढ़ाने में नहीं लागे दिल क्यूउन - The Indic Lyrics Database

मेरा पढ़ाने में नहीं लागे दिल क्यूउन

गीतकार - एम जी हशमत | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - कोरा कागज़ | वर्ष - 1974

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मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल क्यूँ
मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल
दिल पे क्या पड़ गई मुश्किल ऊँ हूँ
अरे रात भी सूनी सूनी लागे
और दिन भी सूना सूना लागे
कोई ये तो बता दे मुझे वो तो नहीं हो गया
मुझे वो तो नहीं हो गया
मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल हो ओ ओ ओओ
बैठे बैठे मन मुस्काये -२
मैं न जानूँ वो क्यूँ याद आये -२
किससे बातें करती हूँ मैं
अरे किससे बातें करती हूँ मैं
चुपके चुपके हँसती हूँ
कोई ये तो बता दे मुझे वो तो नहीं हो गया
मुझे वो तो नहीं हो गया
मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल हो ओ ओ ओओ
दिल में क्या है लिख नहीं पाऊँ -२
ख़त लिखूँ तो उसे कैसे पहुँचाऊँ -२
पास भी उसके जा न सकूँ मैं
अरे पास भी उसके जा न सकूँ मैं
दूर भी उससे रह न सकूँ
कोई ये तो बता दे मुझे वो तो नहीं हो गया
मुझे वो तो नहीं हो गयामेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल ऊँ हूँ
मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल
दिल पे क्या पड़ गई मुश्किल ऊँ हूँ
अरे रात भी सूनी सूनी लागे
और दिन भी सूना सूना लागे
कोई ये तो बता दे मुझे वो तो नहीं हो गया
मुझे वो तो नहीं हो गया
मेरा पढ़ने में नहीं लागे दिल क्यूँ