जुबान पे दर्द भरी दास्तान चलिए आई - The Indic Lyrics Database

जुबान पे दर्द भरी दास्तान चलिए आई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - मर्यादा | वर्ष - 1971

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ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़्हिज़ाँ चली आईख़्हुशी की चाह में मैं ने उठाये रंज बड़े -२
मेरा नसीब की मेरे क़दम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आईउदास रात है वीरान दिल की महफ़िल है -२
न हम्सफ़र है कोई और न कोई मंज़िल है
ये ज़िंदगी मुझे लेकर कहाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले ख़्हिज़ाँ चली आई
ज़ुबाँ पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई