मैं खंजर हूं - The Indic Lyrics Database

मैं खंजर हूं

गीतकार - माया गोविंद | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नितिन मंगेशकर | फ़िल्म - आफ़त | वर्ष - 1977

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मेरी नज़रों के तीर
और तेरा सीना होगा
मेरे ही रहमो करम
पे तुझे जीना होगा
बाहों में आ जा मेरी
वरना मुसीबत होगी
आज महफ़िल में सरे
आम महोबत होगी

कोई कहे मैं खंजर
हु कोई कहे तलवार ओए होए
प्रेम नगर से आई हु
कर ले तू मुझसे प्या
कोई कहे मैं खंजर
हु कोई कहे तलवार
प्रेम नगर से आई हु
कर ले तू मुझसे प्यार
राज तेरा मैं जान गयी हूँ
तुझको मै पहचान गयी हो
राज तेरा मैं जान गयी हूँ
तुझको मै पहचान गयी हो
अब तू है मेरा शिकार
मेरे यार कर ले प्यार
मेरे यार कर ले प्यार
कोई कहे मैं खंजर
हु कोई कहे तलवार
प्रेम नगर से आई हु
कर ले तू मुझसे प्यार

इंतजार की घड़ियां बीति
अरे आज मिलन का दिन है
ऐसे तड़प रही हू मै
जैसे मछली बिन जल है
संभल ज़रा ये गाजर कह रहा
समय गुजर न जाए
आज न छोडूगी तुझको
चाहे मोत भले ही आये
अब तू है मेरा शिकार
मेरे यार कर ले प्यार
मेरे यार कर ले प्यार
कोई कहे मैं खंजर
हु कोई कहे तलवार
प्रेम नगर से आई हु
कर ले तू मुझसे प्यार

जिसकी मुझे तलाश थी वो
दिलजानी मुझे आज मिला है
इस पिंजरे में मेरे प्यार
का पंछी छिपा हुआ है
हुसैन का पहरा लगा
हुआ है बच के कहाँ जायेगा
अरे बेवफा आज मेरा
हर तीर काम आएगा
अब तू है मेरा शिकार
मेरे यार कर ले प्यार
मेरे यार कर ले प्यार
कोई कहे मैं खंजर
हु कोई कहे तलवार
प्रेम नगर से आई हु
कर ले तू मुझसे प्यार
राज तेरा मैं जान गयी हूँ
तुझको मै पहचान गयी हो
राज तेरा मैं जान गयी हूँ
तुझको मै पहचान गयी हो
अब तू है मेरा शिकार
मेरे यार कर ले प्यार
मेरे यार कर ले प्यार
कोई कहे मैं खंजर
हु कोई कहे तलवार
प्रेम नगर से आई हु
कर ले तू मुझसे प्यार.