क्यों झुकी झुकी हैं पालकेन मेरी जानी - The Indic Lyrics Database

क्यों झुकी झुकी हैं पालकेन मेरी जानी

गीतकार - मनोहर खन्ना | गायक - मोहम्मद रफ़ी, उषा खन्ना | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - अंजान है कोई | वर्ष - 1969

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क्यों झुकी झुकी है पलके
क्यों झुकी झुकी है पलके
मेरी जान यह बात क्या है
मेरे दिल में कैसे कह दू
मुझे प्यार हो गया है
क्यों झुकी झुकी है पलके

तुझे देखने के खातिर
तेरे दर पे आ गए है
के बहार की ज़ुबान से
तेरा नाम सुन चुके है
ो जनम जनम साथे
तुझे हम भी जानते है
ये चमन महक रहा है
महके तो हर्ज क्या है
मेरे दिल में कैसे कह दू
मुझे प्यार हो गया है
क्यों झुकी झुकी है पलके

यह घाटा भी आज हम पर
मोती लुटा रही है
हमें देख कर कली भी

सर को झुला रही है
मेरे दिल की बात सुनाने
यह हवा भी आ रही है
यह गगन भी देखता है
देखे तोह हर्ज़ क्या है
क्यों झुकी झुकी है पलके
मेरी जान यह बात क्या है
क्यों झुकी झुकी है पलके

यह शर्म ना हमसे कीजे
हम भी तोह हैं तुम्हारे
किरणों से मांग भर दी
कर दो अगर इशारे
दिल गा रहा है नगमा
बस में नहीं हमारे
मौसम भी झूमता है
झूमे तोह हर्ज क्या है
मेरे दिल में कैसे कह दू
मुझे प्यार हो गया है
क्यों झुकी झुकी है पलके
मेरी जान यह बात क्या है
क्यों झुकी झुकी है पलके.