शाम देखो ढल रहई हैं - The Indic Lyrics Database

शाम देखो ढल रहई हैं

गीतकार - मनोहर खन्ना | गायक - मोहम्मद रफ़ी, उषा खन्ना | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - अंजान है कोई | वर्ष - 1969

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ल: शाम देखो ढल रही है
पंछी देखो जा रहे है
तू भी चल मेरे संग ओ जीवन साथी ...रफ़ी: शाम देखो ढल रही है
पंछी देखो जा रहे है
तू भी चल मेरे संग ओ जीवन साथी ...
दोनो: शाम देखो ढल रही हैल: है शाम के आँचल मैं, मस्ती है भीगी भीगी
और दे रही है धड़कन, आवाज़ धीमी धीमी
आवाज़ धीमी धीमी
तू भी चल मेरे संग ओ जीवन साथी ...
शाम देखो ढल ...रफ़ी: ये नील कमल सी आँखें, है काजल बिन कजरारी
है (रस सम्भलके ??) ये सुन्दर प्यारी प्यारी
ये सुन्दर प्यारी प्यारी
तू भी चल मेरे संग ओ जीवन साथी ...
शाम देखो ढल ...