मुझको अपने गले लगा लो, ऐ मेरे हमराही - The Indic Lyrics Database

मुझको अपने गले लगा लो, ऐ मेरे हमराही

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुबारक बेगम - मोहम्मद रफी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - हमराही | वर्ष - 1963

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मुझको अपने गले लगा लो, ऐ मेरे हमराही
तुम को क्या बतलाऊँ मैं के तुमसे कितना प्यार है
जब तुम मुझ से दूर रहते हो जिया मेरा घबराता है
नींद आँखों से उड़ जाती है, चाँद अगन बरसाता है
दोनों पहलू जल जाते है, आग में आग लगाता है
जैसे तडपे बिन जल मछली, प्यार मुझे तडपाता है
इस उलझन से मुझको बचा लो, ऐ मेरे हमराही
जिन राहों पर हंस के चलो तुम फूल वहा खिल जाते है
दम लेने को जहा रुको तुम मधुशाले बन जाते है
तुम को छूकर पवन झकोरे खुशबू लेकर जाते है
लेकिन हम तो देख के सूरत दिल थामे रह जाते है
दिल से दिल के तार मिला लो, ऐ मेरे हमराही
जब तक तुमको मैं ना देखू चैन मुझे कब आता है
खोज में तेरी मन का पंछी दूर कही खो जाता है
जब तुम मुझको मिल जाती हो दर्द दवां बन जाता है
वर्ना तुम बिन सारा जीवन सूना बन कहलाता है
हर मंजिल पर मुझको संभालो, ऐ मेरे हमराही