मेहंदी लगा ने की रात - The Indic Lyrics Database

मेहंदी लगा ने की रात

गीतकार - समीर | गायक - कुमार सानू, साधना सरगम | संगीत - नदीम सैफ़ी, श्रवण राठौड़ | फ़िल्म - आदमी खिलोना है | वर्ष - 1993

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मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात
मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात
मिलने मिलाने की रात आ गयी
मिलने मिलाने की रात
मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात
सबको बताने की रात आ गयी
सबको बताने की रात
मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात

खुशबु लुटाने गुलो की लड़ी की
गुलो की लड़ी की गुलो की लड़ी की
कबसे थी चाहत हमें इस घडी की
हमें इस घडी की हमें इस घडी की
खनकौ कंगना के चूड़ी बजौ
पायल पहनके में ठुमका लागौ
जी करता हैं नाचू मैं झूम के
गाने बजने की रात आ गयी
गाने बजने की रात
खुशिया मानाने की रात आ गयी
खुशिया मानाने की रात
आ गयी आ गयी आ गयी आ गयी
मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात

आंखे शर्म से झुकी जा रही है
झुकी जा रही है झुकी जा रही है
क्या राज़ है दिल में बतला रही है
बतला रही है बतला रही है
रब ऐसी जोड़ी पे में वारी जाऊ
इनके लिए में तो सब कुछ लुटाऊ
ये सुन्दर सा मुखड़ा चुमके
कस्मे निभाने की रात आ गयी
कस्मे निभाने की रात
सपने स्काजाने की रात आ गयी
सपने स्काजाने की रात
घुघता उठाने की रात आ गयी
घुघता उठाने की रात
खुसिया मानाने की रात आ गयी
खुसिया मानाने की रात

मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात
मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात
मेहंदी लगाने की रात आ गयी
मेहंदी लगाने की रात.