हंसती हैं मोहब्बतें रुलाती हैं मोहब्बतें - The Indic Lyrics Database

हंसती हैं मोहब्बतें रुलाती हैं मोहब्बतें

गीतकार - अनवर सागर | गायक - के के | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - कितने दरवाजे कितने पास | वर्ष - 2002

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हँसाती हैं मोहब्बतें रुलाती हैं मोहब्बतें
बनाती हैं मोहब्बतें मिटाती हैं मोहब्बतें
फिर भी आशिक़ों को लुभाती हैं मोहब्बतें
हँसाती हैं ...ये मुहब्बत जो है खूबसूरत है ये
दिल की नज़र से जब भी देखो बस कयामत है ये
ये दर्द दे ये ज़ख्म दे देती है ये बेकरारी
फिर क्यूँ बनी दीवानी भला
मुहब्बत में दुनिया ये सारी
हँसाती हैं ...बिन तेरे जान-ए-जां सूना है ये जहाँ
दिल ये तड़पे दिल ये तरसे जाएँ तो जाएँ कहाँ
चलें दो कदम ठहर जाएँ हम
ये सोचें सनम कहाँ हो
के सुनके सदा चले आओ तुम
लगा लो गले जहाँ हो
हँसाती हैं ...