सर भी रूठे रूठे हैं - The Indic Lyrics Database

सर भी रूठे रूठे हैं

गीतकार - फैज़ अनवर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, सहगान | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - | वर्ष - 1998

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sirभी रूठे रूठे हैं teacherभी रूठी रूठी हैं
piknikमें नहीं कोई शोर हम तो हो गए बोरआपने सिखाया हमें हँसा करो हरदम हरदम
खुश रहो प्यार करो गुस्सा करो कम कम
खुद फिर तो हँसो ना गुस्सा कम करो ना
हम जो रूठ गए तो नहीं चलेगा कोई ज़ोर
piknikमें नहीं कोई ...मैं नहीं रूठी तुमसे बच्चों किसी ने मुझे सताया
किसने वही जो साथ हमारे piknikमें आया
sirअंदर से जैसे भी ऊपर से सच्चे लगते हैं
गुस्से में teacherतुम्हारी और भी अच्छी लगती हैझांझरिया उसकी खनक गई
चुनरी भी सर से सरक गई
मेरी नज़र उससे मिली तो उसकी नज़र शरमा के झुक गई
झांझरियाकिताबें बहुत सी पढ़ी होंगी तुमने
मगर कोई चेहरा भी तुमने पढ़ा है
पढ़ा है मेरी जां नज़र से पढ़ा है
बता मेरे चेहरे पे क्या क्या लिखा है