दिल के अरमानों की इश्क की दास्तान सारि महफिल सुने - The Indic Lyrics Database

दिल के अरमानों की इश्क की दास्तान सारि महफिल सुने

गीतकार - नक़्श लायलपुरी, सैयद गुलरेज़? | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, प्रीति उत्तम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - ताज महल | वर्ष - 2005

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आऽ
दिल के अरमानों की शम्मा जलाये बैठे हैं
ओ उनकी तस्वीर को दिल में छुपाये बैठे हैंइश्क़ की दास्ताँ सारी महफ़िल सुने -२
इश्क़ दिल में छुपाना ज़रूरी नहींको : इश्क़ की दास्ताँ सारी महफ़िल सुने
इश्क़ दिल में छुपाना ज़रूरी नहींहोऽ
इश्क़ एहसास है दिल की आवाज़ है -२
सुन ले सारा ज़माना ज़रूरी नहींको : इश्क़ एहसास है दिल की आवाज़ है
सुन ले सारा ज़माना ज़रूरी नहींइश्क़ दिल में रहेगा तो घुट जायेगा -२
यूँ ही तड़पेगा, मचलेगा, मिट जायेगा
को : यूँ ही तड़पेगा, मचलेगा, मिट जायेगा
इश्क़ को यूँ मिटाना ज़रूरी नहीं
को : इश्क़ को यूँ मिटाना ज़रूरी नहीं
ज़रूरी नहींओऽ
इश्क़ मिटता नहीं है महकता है ये -२
इश्क़ शोला है दिल में दहकता है ये
दहकता है ये
दहकताऽ है ये
को : इश्क़ शोला है दिल में दहकता है ये
सबका दामन जलाना ज़रूरी नहीं
को : सबका दामन जलाना ज़रूरी नहीं
ज़रूरी नहींइश्क़ ऐलान है इश्क़ तूफ़ान है -२
तौबा-तौबा न समझे वो नादान है
को : तौबा-तौबा न समझे वो नादान है
आग दिल में दबाना ज़रूरी नहीं
को : आग दिल में दबाना ज़रूरी नहीं
ज़रूरी नहींइश्क़ दिल के धड़कने की पहचान है -२
इश्क़ बेबाक हो
इश्क़ बेबाक हो जाये बदनाम है
को : इश्क़ बेबाक हो जाये बदनाम है
हाल-ए-दिल यूँ सुनाना ज़रूरी नहीं
को : हाल-ए-दिल यूँ सुनाना ज़रूरी नहीं
ज़रूरी नहींइश्क़ कोई राज़ नहीं, इश्क़ आवाज़ नहीं
इश्क़ ख़ामोश नहीं, इश्क़ बेहोश नहीं
इश्क़ गुमनाम न हो, इश्क़ बदनाम न हो
इश्क़ दुनिया को दिखा ले
उनकी आँखों में, आँखों में, आँखों में
उनकी आँखों में, आँखों में
उनकी आँखों में छुपा ले
हाय
हाँ
को : उनके दिल में भी वजह है -२
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