सुहानी रात ढल चुकी ना जाने तुम कब आओगे - The Indic Lyrics Database

सुहानी रात ढल चुकी ना जाने तुम कब आओगे

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दुलारि | वर्ष - 1949

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(सुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे )-२
जहाँ की रुत बदल चुकी ऽ ऽ ऽ
ना जाने तुम कब आओगेनज़ारे ऽ ऽ ऽ अपनी मस्तियां
दिखा दिखा के सो गये
सितारे ऽ ऽ ऽ अपनी रौशनी
लुटा लुटा के सो गये
हर एक शम्मा जल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल चुकी ...तड़प रहे हैं हम यहाँ -२
तुम्हारे इंतज़ार में-२
(खिज़ा का रंग, आ चला है
मौसम-ए-बहार में )-२
मौसम-ए-बहार में
हवा भी रुख बदल चुकी ऽ ऽ ऽ
ना जाने तुम कब आओगेसुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे