तरासी हुई हैं मुद्दत से आंखें - The Indic Lyrics Database

तरासी हुई हैं मुद्दत से आंखें

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - अशोक कुमार | संगीत - रफीक गजनवी | फ़िल्म - नजमा | वर्ष - 1943

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तरसि हुइ हैं मुद्दत से आन्खें
नज़रों कि दुनिय आबाद कर देतुम्को बन कर हुस्न क मलिक
किस्ने कहं थ जल्लद कर देशर्म हया के क़ुरबान जाओओन
सम्ने आ के दिल्शद कर देकब्ज़े में तेरे है दिल कि दुनिय
आबाद कर या बर्बाद कर दे