शरमाये काहे घबराये काहे - The Indic Lyrics Database

शरमाये काहे घबराये काहे

गीतकार - साहिर | गायक - शमशाद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - बाज़ी | वर्ष - 1951

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अर्र्र
छई
ल ल ल ला
शरमाये काहे
( शरमाये काहे घबराये काहे
सुन मेरे राजा ओ राजा आजा आजा ) -2
शरमाये काहे


कुछ न सोच मतवाले ओ मतवाले
दिल की मान दिलवाले ओ मतवाले ओ दिलवाले
दुनिया के ग़म करता है क्यूँ
मिलने की रातें हैं डरता है क्यूँ
मिलने की रातें हैं डरता है क्यूँ
शरमाये काहे
आय देखो
शरमाये काहे घबराये काहे
सुन मेरे राजा ओ राजा आजा आजा
शरमाये काहे

कुछ न सोच मतवाले ओ मतवाले
दिल की मान दिलवाले ओ मतवाले ओ दिलवाले
आँखों का रस पी ले ज़रा
ज़ुल्फ़ों के साये में जी ले ज़रा
ज़ुल्फ़ों के साये में जी ले ज़रा
शरमाये काहे
आय देखो
शरमाये काहे घबराये काहे
सुन मेरे राजा ओ राजा आजा आजा
शरमाये काहे

कुछ न सोच मतवाले ओ मतवाले
दिल की मान दिलवाले ओ मतवाले ओ दिलवाले
जाके ये दिन आने नहीं
आ तुझको दे दूँ मैं जन्नत यहीं
ल ल ल ला
शरमाये काहे घबराये काहे
सुन मेरे राजा ओ राजा आजा आजा
शरमाये काहे
शरमाये काहे घबराये काहे
शरमाये काहे$