सोच के ये गगन झूमे, अभी चांद निकल आएगा - The Indic Lyrics Database

सोच के ये गगन झूमे, अभी चांद निकल आएगा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता - मन्ना डे | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - ज्योति | वर्ष - 1969

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सोच के गगन झूमे, अभी चाँद निकल आएगा
झिलमिल चमकेंगे तारे
चाँद जब निकल आएगा, देखेगा न कोई गगन को
चाँद को ही देखेंगे सारे
फूल जो खिले ना तो कैसे, बागों में आये बहार
दीप ना जले तो सांवरिया, कैसे मिटे अन्धकार
रात देखो कितनी है काली, अभी चाँद निकल आएगा
चांदनी से भी तुम हसीं हो, नजदीक आओ जरा
चांदके निकलने तलक तो, तुम जगमगाओ जरा
रात देखो कितनी है काली, अभी चाँद निकल आएगा