शमा जली परवाना आया - The Indic Lyrics Database

शमा जली परवाना आया

गीतकार - शकील | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - अंबर | वर्ष - 1952

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शमा जली परवाना आया शमा जली
हो प्यार की आग में जल जाने को
आज कोई दीवाना आया शमा जली
हो शमा जली परवाना आया शमा जली
ओ आँख से निकले ख़ुशी के आँसू
ज़ुबाँ पे इक अफ़साना आया शमा जली
दो: हो शमा जली परवाना
दुनिया में दो दिलवालों का
मिल के बिछुड़ना खेल नहीं है हाय खेल नहीं है
जीवन भर का संग है अपना
चार दिनों का मेल नहीं है
हो लौट के फिर महफ़िल में तेरी
देख तेरा मस्ताना आया शमा जली
दो: हो शमा जली परवाना
हम भी जलें परवाने बनकर
हमको सिखा दो अपनी अदाएँ
तुम क्या जानो आग पराई
हो न सकेंगी तुमसे वफ़ाएँ
हो हमने जो फूँका तन-मन अपना
तभी तुम्हें जल जाना आया शमा जली
दो: हो शमा जली परवाना $