शब-ए-ग़म सुबह हो गई रोते-रोते - The Indic Lyrics Database

शब-ए-ग़म सुबह हो गई रोते-रोते

गीतकार - बी आर शर्मा | गायक - शमशाद | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बेदर्दी | वर्ष - 1951

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शब-ए-ग़म सुबह हो गई रोते-रोते
कटी रात लेकिन कटी रोते-रोते
ख़्याल आ गया अपनी क़िस्मत का जिस दम
तो दिल को हँसी आ गई रोते-रोते
मुहब्बत को अन्धा किया आँसुओं ने
कि जाती रही रोशनी रोते-रोते
शमा की तरह अपने दिल की लगी भी
लगी हँसते-हँसते बुझी रोते-रोते$