सो गया ये जहां, सो गया आसमां - The Indic Lyrics Database

सो गया ये जहां, सो गया आसमां

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अलका - नितीन - शब्बीर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - तेजाब | वर्ष - 1988

View in Roman

सो गया, ये जहाँ, सो गया आसमां
सो गयी हैं सारी मंजिले, सो गया है रस्ता
रात आई तो वोह जिनके घर थे, वोह घर को गये, सो गये
रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले, राहों में और खो गये
इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर
जाये भी तो कहाँ, जाना चाहे अगर
सो गयी हैं सारी मंजिले, सो गया है रस्ता
कुछ मेरी सुनो, कुछ अपनी कहो
हो पास तो ऐसे चूप ना रहो
हम पास भी हैं, और दूर भी हैं
आज़ाद भी हैं, मजबूर भी हैं
क्यों प्यार का मौसम बीत गया
क्यों हम से जमाना जीत गया
हर घड़ी मेरा दिल गम के घेरे में है
ज़िन्दगी दूर तक अब अंधेरे में है
सो गयी हैं सारी मंजिले, सो गया है रस्ता