मैं क्या जानूँ क्या - The Indic Lyrics Database

मैं क्या जानूँ क्या

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - सहगल | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - जिंदगी | वर्ष - 1940

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मैं तो करूँ प्यार पिया

मैं तो करूँ प्यार पिया

मैं तो करूँ प्यार

मैं तो करूँ प्यार पिया दूर से भरमाए

मेरी मुलाक़ात की रात बीती जाए

बीती जाए

मैं तो करूँ प्यार पिया

मैं तो करूँ प्यार

उड़ते हुए आए

उड़ते हुए आए दो पंछी, दो पंछी बसे बास

उनको लगी नींद यहां हम को लगी पयास

पयास जगी प्रीत की चैन नहीं आए

मेरी मुलाक़ात की रात बीती जाए

बीती जाए

मैं तो करूँ प्यार पिया

मैं तो करूँ प्यार

जी तो करे चल के मना लूँ

आज उन्हें अपना बना लूँ

अपना बना लूँ

दिल किसी को पास बुलाते हुए शरमाए

रात बीती जाए

मैं तो करूँ प्यार पिया

मैं तो करूँ प्यार

मेरी नई दुनिया में जब से वो आए

तब से मैं ने आंगन में दीप जलाए

दो नैन बिछए

इन्तेज़ार ही में कहीं, इन्तेज़ार में

इन्तेज़ार ही में कहीं, घोर ना हो जाए

मेरी मुलाक़ात की रात बीती जाए

बीती जाए

मैं तो करूँ प्यार पिया

मैं तो करूँ प्यार