सिली हवा छू गई, सिला बदन छिल गया - The Indic Lyrics Database

सिली हवा छू गई, सिला बदन छिल गया

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - लिबास | वर्ष - 1988

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सिली हवा छू गई
सिला बदन छिल गया
नीली नदी के परे
गीला सा चाँद खिल गया
तुमसे मिली जो ज़िन्दगी
हमने अभी बोई नहीं
तेरे सिवा कोई न था
तेरे सिवा कोई नहीं
जाने कहाँ कैसे शहर
ले के चला ये दिल मुझे
तेरे बगैर दिन ना जला
तेरे बगैर शब ना बुझे
जितने भी तय करते गए
बढ़ते गए ये फासले
मीलों से दिन छोड़ आए
सालों सी रात ले के चले