मौज ख़ामोश है - The Indic Lyrics Database

मौज ख़ामोश है

गीतकार - मजरूह | गायक - सुरैया, आशा, सहगान | संगीत - हुस्नलाल -भगतराम | फ़िल्म - शमा परवाना | वर्ष - 1954

View in Roman

मौज ख़ामोश है बहता हुआ धारा ठहरा
सुबह से शाम हुई दिल न हमारा ठहरा

( ओ
जाके लागे नैना वो पाये नहीं चैना
नदिया किनारे वो गुज़ारे दिन-रैना )
साँस जो आये दिल को दुखाये
कोई ऐसे जीने को कहाँ से जिगर लाये

जाके लागे नैना वो पाये नहीं चैना
नदिया किनारे वो गुज़ारे दिन-रैना
गिन-गिन लहरें बिताये दिन-रतियाँ
जैसे-जैसे नदी बहे वैसे बहें अँखियाँ
आस जो आये तूफ़ाँ उठाये
कोई ऐसे जीने को कहाँ से जिगर लाये

जाके लागे नैना वो पाये नहीं चैना
नदिया किनारे वो गुज़ारे दिन-रैना
पिया से मिलन को किनारे खड़े तरसे
कछु न बताये गोरी दुनिया के डर से
आँख झुकाये दर्द छुपाये
कोई ऐसे जीने को कहाँ से जिगर लाये
( ओ
जाके लागे नैना वो पाये नहीं चैना
नदिया किनारे वो गुज़ारे दिन-रैना )