बहुत जताते हो प्यार - The Indic Lyrics Database

बहुत जताते हो प्यार

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक, मोहॅमेड अज़ीज़ | संगीत - नदीम सैफ़ी, श्रवण राठौड़ | फ़िल्म - आदमी खिलोना है | वर्ष - 1993

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ओ ओ ओ…हो हो हो….
बहुत जताते हो चाह हमसे
बहुत जताते हो चाह हमसे
करोगे कैसे विवाह हमसे
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल
कसम खुदा की यही कहूंगा
कसम खुदा की यही कहूंगा
तुम्हारे बिन मैं न जी सकूंगा
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल

यह दर्द क्या हैं
तुम्हे पता हैं यह प्यार क्या हैं
दीवाना पन हैं दीवानगी हैं
सुना हैं मैंने यह बेखुदी हैं
वफ़ा की राहों में जलना होगा
कही गिरे तोह संभालना होगा
सुलगते शोलों पे मैं चालूंगा
सुलगते शोलों पे मैं चालूंगा
वफ़ा के रंगों में रंग लूंगा
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल

नज़र में चेहरा तराश लूंगा
तुम्हारी सांसें की प्यास लूंगा
यह ख्वाब इतना हसीं क्यों हैं
तुम्हें वफ़ा पे यकीं क्यों हैं
मेरी तोह ख़्वाहिश तुम्हारी चाहत
मुझे भी कब से तुम्हारी हसरत
मिलाओ न यु निगाह हमसे
मिलाओ न यु निगाह हमसे
हो जाए न कही गुनाह हमसे
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल

ज़माना हुमको करेगा रुस्वाह
ज़रा बताओ करोगे तुम क्या
मुझे न रुस्वाई का कोई डर
तुम्हे तोह चाहा हैं अपने दम पर
किसीने हमको जुदा किया तोह
ख़ुशी के मौसम में गम दिया तोह
ज़माने के सारे घूम सहूंगा
ज़माने के सारे घूम सहूंगा
न दूर अब तुमसे मैं रहूँगा
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
बहुत जताते हो छह हमसे
बहुत जताते हो छह हमसे
करोगे कैसे विवाह हमसे
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल
ए दिल ए दिल ए दिल ए दिल.