अमृत और जहर दोंन हैं तेरे फूलों से भी प्यार - The Indic Lyrics Database

अमृत और जहर दोंन हैं तेरे फूलों से भी प्यार

गीतकार - प्रदीप | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नास्तिक | वर्ष - 1954

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अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ
मन्थन का अधिकार है सब को फल प्रभु तेरे हाथतेरे फूलों से भी प्यार
तेरे कांटों से भी प्यार
जो भी देना चाहे दे दे करतार
दुनिया के तारणहार
तेरे फूलों से भी प्यार ...चाहे सुख दे या दुख, चाहे खुशी दे या ग़म -२
मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम
मालिक रह लेंगे हम
चाहे हँसी भरा संसार दे या आँसुओं की धार
जो भी देना चाहे दे दे करतार
दुनिया के तारणहार थ्रेदोत्सहम को दोनों हैं पसंद तेरी धूप और छाँव -२
दाता किसी भी दिशा में ले चल ज़िंदगी की नाव
ले चल ज़िंदगी की नाव
चाहे हमें लगा दे पार डुबा दे चाहे हमें मंझधार
जो भी देना चाहे दे दे करतार
दुनिया के तारणहार ...