सूरज के जैसी गोलाई लई लाई तेरी धूम हर कहीं - The Indic Lyrics Database

सूरज के जैसी गोलाई लई लाई तेरी धूम हर कहीं

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - काला बाजार | वर्ष - 1960

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सूरज के जैसी गोलाई
चंदा सी ठंडक भी पाई
खनके तो प्यारे दुहाई
तेरी धूम हर कहीं
तुझसा यार कोई नहीं
लई लई
हमको तो प्यारे तू सबसे प्यारा
लई लई तेरी धूम हर कहीं ...दुनिया की गाड़ी का पहिया
तू चोर तू ही सिपहिया
राजों का राजा रुपइया -२
लई लई तेरी धूम हर कहीं ...औरत के माथे का टीका
ठुमरी और कजरी से मीठा
तू राज़ है ज़िन्दगी का -२
लई लई तेरी धूम हर कहीं ...बूढ़ों की तू ही जवानी
बचपन की दिलकश कहानी
तेरे बिना दूध पानी -२
लई लई तेरी धूम हर कहीं ...दौलत का मज़हब चला के
हम एक मंदिर बना के
पूजेंगे तुझको बिठा के -२
लई लई तेरी धूम हर कहीं ...