आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले - The Indic Lyrics Database

आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - राम और श्याम | वर्ष - 1967

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ये रात जैसे दुल्हन बन गई चरागों से
करूँगा उजाला मैं दिल के दागों से
आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले
कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जाएगा
शम्मा रह जाएगी, परवाना चला जाएगा
तेरी महफ़िल, तेरे जलवे हो मुबारक तुझ को
तेरी उल्फ़त से नहीं आज भी इन्कार मुझे
तेरा मयखाना सलामत रहे ऐ जान-ए-वफ़ा
मुस्कुराकर तू ज़रा देख ले एक बार मुझे
फिर तेरे प्यार का मस्ताना चला जाएगा
मैंने चाहा के बता दूँ मैं हक़ीकत अपनी
तूने लेकिन न मेरा राज़-ए-मोहब्बत समझा
मेरी उलझन, मेरे हालात यहाँ तक पहुँचे
तेरी आँखों ने मेरे प्यार को नफ़रत समझा
अब तेरी राह से बेगाना चला जाएगा
तू मेरा साथ न दे राह-ए-मोहब्बत में सनम
चलते चलते मैं किसी राह पे मुड़ जाऊँगा
कहकशां, चाँद, सितारें तेरे चूमेंगे कदम
तेरे रस्ते की मैं एक धूल हूँ, उड़ जाऊँगा
साथ मेरे मेरा अफ़साना चला जाएगा