चंचल चूड़ियां खानाका के - The Indic Lyrics Database

चंचल चूड़ियां खानाका के

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - अजय | वर्ष - 1996

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चंचल चूड़ियाँ खनका के मेंहदी हाथों में रचा के
झूमर माथे पे सजा के घुंघटा लाज का गिरा के
मैके की गली छोड़ के तुझे जाना होगा
मैके की गली छोड़ के ...लाओ सखी लाओ जोड़ा सुहाग लाडो को सजा दें हम प्यार से
पैरों में लगा दें हळी महावर मुखड़ा चमका दें श्रृंगार से
फूलों सी जवानी पे वो ललचाएंगे
चंदा सी बिंदिया चमका के
घुंघटा लाज का ...पंछी परदेसी हर लड़की बहना किसी को हमेशा यहां रहना नहीं
लड़की को जैसे हर दर्द सहना किसी के कभी कुछ कहना नहीं
साये में पिया के अब जीना मरना मैके वालों का सिर ना नीचे करना
सपनें पलकों पे बसा के सैंया जी का दिल चुरा के
झूमर माथे पे सजा के
घुंघटा लाज का ...दाता मेरे दाता तूने लिखी क्यों बेटी की जुदाई तक़दीर में
बेटी को ना कोई रोक पाए चाहे इसे बांधे ज़ंजीर में
आए रब्बा आए क्यों विदाई की घड़ी रोके से रुके ना अंसुअन की लड़ी
माँ की ममता को भुला के भैया भाभी को रुला के
सखियों से दामन छुड़ा के आँखों से आँसू छलका के
मैके की गली छोड़ के ...