पहले भारत में - The Indic Lyrics Database

पहले भारत में

गीतकार - ना | गायक - अमित कुमार, कविता कृष्णमूर्ती | संगीत - इलैयाराजा | फ़िल्म - आदमी और अप्सरा | वर्ष - 1991

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पहले भारत में
कौरवों पांडवों का राज था
एक राजसिंघ ही कोंडवाना
दुर्ग का सरताज था
पहले भारत में
कौरवों पांडवों का राज था
एक राजसिंघ ही कोंडवाना
दुर्ग का सरताज था
उस राजा की गाथा ये रजु बोले
औ मजा रजु
ापे रे रजु मेरा नाम राजू
माय नाम इस रजु

विजयी हो के वापस आ गया
ध्वजा का मगन हो गया
दुर्ग पे राज इस तरह किया
धरती पर स्वर्ग ला दिया
द्वार कड़ी नवलनर
सज सवर के
ाहा आरती के भक्त
भरे फूल वॉर के
सिंघासन पर लगे
कृष्ण मूर्ति हैं
सेवा से जन जन
में छाई कीर्ति हैं
हो राजा भाई भी पर
तू ही हैं हमारा राजा
रखवाली यही चाहि
किला कोई न हमने चाहा
राजा दी राजा बाजे रे बजा
मेरा नाम राजू माय नाम इस रजु

करके कोशन कलाम का
खुद कविता को जनम दे दिया
शिल्पकला को नरेश ने
फिर जला दिया सारे देश में
ताल को बनके अकाल को हटाया
सारा देश अन्नपूर्ण सा बनाया
जाति धर्म मजहब का रोग मिटाया
ाहा राम राज का महँ गोरव लाया
चाहत से जो तू देखे
क्या ज़रूरत हैं रिश्तों की
मेरे जैसे िंसा हो
क्या ज़रुरत फ़रिश्तो की
राजा दी राजा बाजे रे बजा
औ मजा रजु मेरा नाम राजू
पहले भारत में
कौरवों पांडवों का राज था
एक राजसिंघ ही कोंडवाना
दुर्ग का सरताज था
उस राजा की गाथा ये रजु बोले
औ मजा रजु
ापे रे रजु मेरा नाम
राजू माय नाम इस रजु
मेरा नाम राजू.