बदरिया बरस गई उस पार - The Indic Lyrics Database

बदरिया बरस गई उस पार

गीतकार - पं. इंद्र | गायक - मुकेश, खुर्शीद, हमीदा बानो | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - मूर्ति | वर्ष - 1945

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बहे न कभी नैन से नीर

बहे न कभी नैन से नीर

उठी हो चाहे दिल में पीर

बाँवरे यही प्रीत की रीत

आशायें मिट जायें तो मिट जायें

दिल की आहें कभी न बाहर आयें

भरी हो होंठों पर मुस्कान

न कोई ले दिल को पहचान

इसी में है रे तेरी जीत

बाँवरे यही प्रीत की रीत

दीपक जले भवन में रहे पतंगा बन में

प्रीत खींच कर लायी उसे जलाया क्शण में

जलन का उसे कहाँ था होश

प्यार का चढ़ा हुआ था जोश

गा रही दुनियाँ उसकी गीत

बाँवरे यही प्रीत की रीत