तुमने इस तरहा मारा - The Indic Lyrics Database

तुमने इस तरहा मारा

गीतकार - ना | गायक - अमित कुमार, कविता कृष्णमूर्ती | संगीत - इलैयाराजा | फ़िल्म - आदमी और अप्सरा | वर्ष - 1991

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तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
उफ़ ये गाल तेरे गमछा
जिन हाथों ने चहु के सुख पाया
तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
जोश जवानी वह रे वह
आलिंगन फिर ये तेरा
पुरषो की तू पूर्णता
बढ़कर रुकता न जरा
तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
उफ़ ये गाल तेरे गमछा
जिन हाथों ने चहु के सुख पाया

लची लाची सी ये कमर झूमें हो
एक डोरी से दो दिल जा लगे
मतवाली कच्ची कच्ची उम्र लो
देखा दिल धक् धक् प् ग चले
साथी हो के चल पड़ो
हे न न कार ह तुम भरो
क्या बोले सुन मदन को
करे प्रीत न तोड़े वचन को
चाहुगा न तन को छोड़ूगा
जवान चाहतो को होने तो दो
तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
उफ़ ये गाल तेरे गमछा
जिन हाथों ने चहु के सुख पाया
पुरषो की तू पूर्णता
बढ़कर रुकता न जरा
जोश जवानी वह रे वह
आलिंगन फिर ये तेरा
तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
उफ़ ये गाल तेरे गमछा
जिन हाथों ने चहु के सुख पाया

अँखियो ने कहा जरा देखो तो
सब का सब मुखरित हो गया
आधार है अमृत हो न हो
छू के इनको ये मैं खो गया
जो थी अधरम मैं तो हुई
तन जूथा हुआ बिन छुए
गुलशन होंगे खील के ये
एक होंगे दोनों मिल के ये
रास्ता तकूजी रास्ता प्रीत से पल
छीन बितेगा
तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
उफ़ ये गाल तेरे गमछा
जिन हाथों ने चहु के सुख पाया
पुरषो की तू पूर्णता
बढ़कर रुकता न जरा
जोश जवानी वह रे वह
आलिंगन फिर ये तेरा
तुमने इस तरह मारा
दे गया मज़ा मारना तुम्हारा
उफ़ ये गाल तेरे गमछा
जिन हाथों ने चहु के सुख पाया.