ता रा री आ रा री आ रा री ये सावन रुत तुम और हम ता रा रा रा राम - The Indic Lyrics Database

ता रा री आ रा री आ रा री ये सावन रुत तुम और हम ता रा रा रा राम

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दास्तां | वर्ष - 1950

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र : ( त र री
आ र री
आ र री ) -२
ये सावन रुत तुम और हम
त र र र रम
त र र र रम
दो : त रम पम
त रम पम
त र रम पम
ऊँ ऊँसु : ( त र री
आ र री
आ र री ) -२
दिल नाचे रे छम-छम-छम
त र र र रम
त र र र रम
दो : त रम पम
त रम पम
त र रम पम
ऊँ ऊँर : आँखों में तुम ले के प्यार आ गये
गुलशन में बन कर बहार आ गये
सु : देखो वो कलियों को आई हँसी
बादल की छाया में नाचे ख़ुशी
दो : तू है तो फिर क्या है ग़म
त र र र रम
त र र र रम
त रम पम
त रम पम
त र रम पम
ऊँ ऊँर : कहता है मेरा दिल चलिये वहाँ
हर दिन हो सावन ही सावन जहाँ
सु : हम-तुम हों रिमझिम का इक साज़ हो
बस तेरी और मेरी आवाज़ हो
दो : गायेँ मिल-मिल के हरदम
त र र र रम
त र र र रम
त रम पम
त रम पम
त र रम पम
ऊँ ऊँत र री
आ र री
आ र री