बादल में छिप रह है चांद क्यूं - The Indic Lyrics Database

बादल में छिप रह है चांद क्यूं

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - फिर तेरी कहानी याद आई | वर्ष - 1993

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अ : बादलों में छिप रहा है चाँद क्यूँ
कु : अपने हुस्न की हया से पूछ लो
अ : चाँदनी पड़ी है मांद क्यूँ
कु : अपनी ही किसी अदा से पूछ लो ) -२अ : मेरी हसरतों पे बेखुदी सी छा गई
तुमको देखकर निगाह लड़खड़ा गई
कु : मेरी हसरतों पे ...
अ : निगाह लड़खड़ा गई
कु : निगाह लड़खड़ा गई
हो रहा हूँ मैं नशे में चूर क्यूँ
अ : झूमती हुई फ़िज़ा से पूछ लो
कु : हो रहा है बिन पिए सुरूर क्यूँ
अ : मेरी ज़ुल्फ़ की घटा से पूछ लो
बादलों में छिप रहा ...कु : दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना ख़ुशनसीब है
अ : दूर मुझसे ग़म है ...
कु : कितना ख़ुशनसीब है
अ : कितना ख़ुशनसीब है
चूमता है मेरा अंग अंग क्यूँ
कु : अपनी रूह की अदा से पूछ लो
अ : बज रहे हैं दिल में जलतरंग क्यूँ
कु : गीत छेड़ती हवा से पूछ लो
अ : बादलों में छिप रहा ...