मुझे क्या बेचेगा रुपैया - The Indic Lyrics Database

मुझे क्या बेचेगा रुपैया

गीतकार - स्वानंद किरकिरे | गायक - सोना मोहपात्रा | संगीत - राम संपत | फ़िल्म - सत्यमेव जयते | वर्ष - Nil

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बाबुल प्यारे सजन सखा रे
सुन ओ मेरी मैय्या
बोझ नहीं मैं किसी के सर का
ना मझधार में नैय्या
पतवार बनूँगी लहरों से लडूँगी
अरे मुझे क्या बेचेगा रुपैया
कल बाबा की ऊँगली को थामे चली थी
कल बाबा की लाठी भी बन जाऊंगी
अम्मा तेरे घरौंदे की चिड़िया हूँ मैं
दाना लेकर ही वापस घर आऊँगी
जिसकी फितरत में गैरत समाई नहीं
जिसको दौलत से ज्यादा मैं भाई नहीं
ऐसे साजन की मुझको जरूरत नहीं
ना कहने का सुन लो मुहूर्त यही
अकेली चलूँगी किस्मत से मिलूँगी
मुझे क्या बेचेगा रुपय्या
दिल से दिल के तार तो जुड़े नहीं
तो रस्मों पे दौलत ये काहे बहे
हम तो प्यार के ख्वाहिश में रिश्ते बुनें
तो रिश्तों में लालच हम काहे सहे
क्या शादी के आगे ज़िन्दगी ही नहीं
जो शादी हिसाबों की केवल है बही
ऐसी शादी की मुझको जरूरत नहीं
ना कहने का सुन लो मुहूर्त यही
सुबह सी खिलूँगी रतिया सी भरुँगी
मुझे क्या बेचेगा रुपय्या