क्या हमने बिगड़ा हैं - The Indic Lyrics Database

क्या हमने बिगड़ा हैं

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - के एल सहगल | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - | वर्ष - 1944

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पु. : क्या हमने
क्या हमने बिगाड़ा है क्यों हमको सताते हो (२)
स्त्री : हम खेलेंगे जिस दिलसे (२)
हम खेलेंगे जिस दिलसे उस दिल को छुपाते हो (२)
उस दिल को छुपाते हो
पु. : क्या हमने बिगाड़ा है क्यों हमको सताते हो (२)पु. : छुपते भी नहीं ज़ालिम (२)
छुपते भी नहीं ज़ालिम, न सामने आते हो (२)
ना सामने आते हो
स्त्री : हम आते हैं तो क़ातिल (२)
हम आते हैं तो क़ातिल तुम आंख चुराते हो (२)
तुम आंख चुराते हो
पु. : क्या हमने बिगाड़ा है क्यों हमको सताते होपु. : बंदे हैं वफ़ा के हमे हर्जाई से क्या काम (२)
हमे हर्जाई से क्या काम (२)
स्त्री : हम खूब समझते हैं (२)
हम खूब समझते हैं तुम हमको बनाते हो (२)
तुम हमको बनाते हो (२)दो. : क्या हमने बिगाड़ा है क्यों हमको सताते हो (२)