क्यूं नैनन से निइर बहाए - The Indic Lyrics Database

क्यूं नैनन से निइर बहाए

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - वहीदान बाई | संगीत - ज्ञान दत्त | फ़िल्म - | वर्ष - 1937

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क्यूँ नैनन से नीर बहाए क्यूँ नैनन से नीर
देख हँसेगी दुनिया सारी बुझ न सकेगी पीरपगली आज भुला दे मन से सारी बीती बातें
जिनमें तूने सुख देखा था वह सपने की बातें
सपना कब हो सच पाया है यही समझ रख धीर
क्यूँ नैनन से ...आँखों के अन्दर आँसू की नदिया एक बहा ले
नाम पिया का जपते-जपते सजनी ख़ूब नहा ले
हँसते हुए डुबा दे इसमें अपनी सारी पीर
मूरख
क्यूँ नैनन से ...