मुझे कुछ कहना है - The Indic Lyrics Database

मुझे कुछ कहना है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर - शैलेंद्र सिंग | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - बॉबी | वर्ष - 1973

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मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम, पहले तुम
पहले तुम, पहले तुम
देखो जिस तरह लखनऊ के दो नवाबों की गाड़ी
पहले आप, पहले आप करते निकल गई थी
उस तरह
हमारी पहले तुम पहले तुम पहले तुम पहले तुम में
मस्ती भरी रुत ना चली जाए
अच्छा मैं कहती हूँ
अक्सर कोई लड़की इस हाल में
किसी लड़के से सोलहवें साल में
जो कहती है वो मुझे कहना है
अक्सर कोई लड़का इस हाल में
किसी लड़की से सोलहवें साल में
जो कहता है वो मुझे कहना है
न आँखों में नींद, न दिल में क़रार
यही इंतज़ार, यही इंतज़ार
तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता
सब झूठा लगता है, सच्चा नहीं लगता
न घर में लगे दिल, न बाहर कहीं पर
बैठी हूँ कहीं पर खोई हूँ कहीं पर
अरे कुछ ना कहूं चुप रहूं
मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है
मुझे रात दिन नहीं और काम
कभी तेरी याद, कभी तेरा नाम
सब रंग दुनिया के फीके लगते है
एक तेरे बोल बस मीठे लगते हैं
लिखे हैं बस तेरे सजदें इस जबीं पर
ज़िंदा हूँ मैं तेरी बस हाँ पर नहीं पर
अरे कुछ ना कहूं चुप रहूं
मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है
मिले हमको फूल के कांटे मिले
वहाँ जा बसे वहाँ जा रहे
तुझे मिलने में जहाँ डर न हो कोई
पिया के सिवाय दूजा घर न हो कोई
क्या ऐसी जगह है कोई इस ज़मीं पर
रहने दे बात को यहाँ पर यहीं पर
अरे कुछ ना कहूं चुप रहूं
मैं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है