मैं हारी प्रभु जी आई शरन तिहारी - The Indic Lyrics Database

मैं हारी प्रभु जी आई शरन तिहारी

गीतकार - अमर वर्मा | गायक - NA | संगीत - सुधीर फड़के | फ़िल्म - आगे बढ़ो | वर्ष - 1947

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मैं पन्छी आज़ाद

मैं पन्छी आज़ाद

मेरा कहीं दूर ठिकाना रे

मैं पन्छी आज़ाद

मेरा कहीं दूर ठिकाना रे

उस दुनिया के बाग़ में मेरा

आनाजाना रे

जीवन के परभात में आऊँ

साँझ ढले

साँझ ढले तो मैं उड़ जाऊँ

बन्धन में कोई मुझको बाँधे

वो दुआ ना दे

मैं पन्छी आज़ाद

मेरा कहीं दूर ठिकाना रे

दिल में किसी याद आये

आँखों में मस्ती लहराये

जनमजनम का मेरा किसी से

प्यार पुराना रे

मैं पन्छी आज़ाद

मेरा कहीं दूर ठिकाना रे

उस दुनिया के बाग़ में मेरा

आनाजाना रे