गरीबों को तू ए दुनिया सता ले जितना जी चाहे - The Indic Lyrics Database

गरीबों को तू ए दुनिया सता ले जितना जी चाहे

गीतकार - शकील | गायक - लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - उड़न खटोला | वर्ष - 1955

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गरीबों को तू ए दुनिया सता ले जितना जी चाहे-3
( तेरी हसरत ना रह जाए )-2 रुला ले जितना जी चाहे
गरीबों को तू ए दुनिया ...

मुझे नाकाम रहने दे मुझे बरबाद रहने दे-2
मगर टूटे हुए दिल में किसी की याद रहने दे-2
हँसी उजड़ी मोहब्बत की उड़ा ले जितना जी चाहे
गरीबों को तू ए दुनिया ...

ना हम होंगे ना ग़म होंगे ज़माने वो भी आएँगे-2
मोहब्बत जीत जाएगी सितमगर हार जाएँगे
सितम के तीर सीने पर चला ले जितना जी चाहे
तेरी हसरत ना रह जाए ...$