रात हमारी तो चाँद की सहेली है - The Indic Lyrics Database

रात हमारी तो चाँद की सहेली है

गीतकार - स्वानंद किरकिरे | गायक - चित्रा | संगीत - शांतनु मोइत्रा | फ़िल्म - परिणीता | वर्ष - 2005

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रतिया कारी कारी रतिया, रतिया अंधियारी रतिया
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनो के बाद आई वो अकेली है
चुप्पी की बिरहा है, झिंगूर का बाजे साथ
रात हमारी तो चाँद की सहेली है
कितने दिनो के बाद आई वो अकेली है
संझा की बाती भी कोई बुझा दे आज
अंधेरे से जी भर के करनी है बाते आज
अँधेरा रूठा है, अँधेरा ऐठा है, गुमसुम सा कोने में बैठा है
अंधेरा पागल है, कितना घनेरा है
चुभता है, डसता है, फिर भी वो मेरा है
उसकी ही गोदी में सर रख के सोना है
उसकी ही बाहों में चुपके से रोना है
आँखों से काजल बन बहता अंधेरा आज