जरा सी दर थी बाकी दिल की कहानी कहना तो चाहे - The Indic Lyrics Database

जरा सी दर थी बाकी दिल की कहानी कहना तो चाहे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सगाई | वर्ष - 1951

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ज़रा सी देर थी बाकी बहार आने में
लगा दी आग मुक़द्दर ने आशियाने में( दिल की कहानी कहना तो चाहे
हाय री क़िसमत कह न सके ) -२
आँखों से आँसू बहना तो चाहे
हाय री क़िसमत बह न सके( ख़ामोश तारों, शब के नज़ारों
देखो मोहब्बत का अन्जाम देखो ) -२
( क़दमों में उनके रहना तो चाहे
हाय री क़िसमत रह न सके ) -२दिल की कहानी कहना तो चाहे
हाय री क़िसमत कह न सके( आँखों में पानी, होंठों पे नाले
मोहब्बत हुई है ग़मों के हवालों ) -२
( इक दिल हमारा और ग़म हज़ारों
हाय री क़िसमत सह न सके ) -२दिल की कहानी कहना तो चाहे
हाय री क़िसमत कह न सके