निगाहें रुक गैन कैसे बजे दिल का सितार - The Indic Lyrics Database

निगाहें रुक गैन कैसे बजे दिल का सितार

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, शमशाद बेगम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - चांदनी रात | वर्ष - 1949

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श : निगाहें रुक गईं हाय कहाँ पर
तड़प कर रह गया नग़मा ज़ुबाँ पर
र : धुआँ सा उठ रहा है आसमाँ पर
गिरी बिजली किसी के आशियाँ परश : कैसे बजे दिल का सितार
ठेंस लगी टूट गये तार
र : बीता हुआ जीवन का प्यार
हाय कोई आज गया हारश : ( दिल कहीं आवाज़ कहीं
नग़मा कहीं साज़ कहीं ) -२
र : देख ये घबराई नज़र -२
खोल न दे राज़ कहीं -२
श : ओ
आज कहे दिल बार-बार
नइया मेरी कैसे लगे पारर : ( दिल में छुपाये हुये ग़म
कैसे रहूँ रह ना सकूँ
श : टूट पड़े मुझ पे सितम
और मैं कुछ कह ना सकूँ ) -२
र : ओ
गीत में है दिल की पुकार
गाये जा तू साजन के द्वार