मुझे दुनियावालों शराबी ना समझो - The Indic Lyrics Database

मुझे दुनियावालों शराबी ना समझो

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - लीडर | वर्ष - 1964

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मुझे दुनियावालों शराबी ना समझो
मैं पीता नहीं हूँ, पिलाई गई है
जहाँ बेखुदी में कदम लडखडाये
वो ही राह मुझको दिखाई गई है
नशें में हूँ लेकीन मुझे ये खबर है
के इस ज़िन्दगी में सभी पी रहे हैं
किसी को मिले हैं छलकते प्याले
किसी को नज़र से पिलाई गई है
किसी को नशा है जहां में खुशी का
किसी को नशा है गम-ए-ज़िन्दगी का
कोई पी रहा है लहू आदमी का
हर एक दिल में मस्ती रचाई गई है
जमानें के यारों चलन हैं निराले
यहाँ तन हैं उजले मगर दिल हैं काले
ये दुनिया है दुनिया यहाँ माल-ओ-ज़र में
दिलों की खराबी छुपाई गई है