रम झुम बरसे बादरवा - The Indic Lyrics Database

रम झुम बरसे बादरवा

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - सहगान, अमीरबाई कर्नाटकी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - रतन | वर्ष - 1944

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रुम झुम बरसे बादरवा, मस्त हवाएं आई
पिया घर आजा आजा, पिया घर आजाहो रुम झुम बरसे बादरवा, मस्त हवाएं आई
पिया घर आजा आजा, पिया घर आजाकाले काले बादल घीर घीर आ गये आ गये
ऐसे में तुम जाके जुलम्वा ढा गये, ढा गये
सावन कैसे बीते रे
मैं कहाँ तुम कहाँ, हो मोरे राजा आजा
हो मोरे राजा
रुम झुम बरसे बादरवा ...मुझ बिरहन के हाल पे बादल रोते हैं, रोते हैं
बालम हमरे आँख मूँद कर सोते हैं, सोते हैं
हमको नींद न आये रे
याद सताये तोरी, मुख दिखलाजा आजा
मुख दिखलाजा
रुम झुम बरसे बादरवा ...का करूँ ऐसों से उल्फ़त हो गई, हो गई
उनके मस्त अलस्त नैन में खो गई, खो गई
प्यासे दोनों नैननवा
प्यासा जोबन मोरा, मोरी कसम आजा आजा
मोरी कसम आजाहो रुम झुम बरसे बादरवा, मस्त हवाएं आई
पिया घर आजा आजा, पिया घर आजा