निगाहों से शर्त ए वफा लिजिएगा - The Indic Lyrics Database

निगाहों से शर्त ए वफा लिजिएगा

गीतकार - | गायक - | संगीत - सुबल दासगुप्ता | फ़िल्म - सुबह शाम | वर्ष - 1944

View in Roman

निगाहों से शर्त-ए-वफ़ा लीजिएगा
इशारों से दिल में बुला लीजिएगामुहब्बत को उल्फ़त बना लीजिएगा
मेरी चाहतों को छुपा लीजिएगायह महफ़िल है रंगीं-मिज़ाजों की बस्ती
यहाँ दामन-ए-दिल बचा लीजिएगाशराब-ए-मुहब्बत से भर-भर के साग़र
लगी आग दिल की बुझा लीजिएगाजवानी की मस्ती भरी शोख़ियों में
मेरी हसरतें भी छुपा लीजिएगामेरी जान है और मुहब्बत की दुनिया
बता दीजिए आप क्या लीजिएगा