से नादानी - The Indic Lyrics Database

से नादानी

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सरदार मलिक | फ़िल्म - चोर बाजार | वर्ष - 1954

View in Roman

हुई ये हम से नादानी तेरी महफ़िल में जा बैठे
ज़मीन की खाक़ होकर आसमान से दिल लगा बैठेख़बर क्या थी गुलिस्तान-ए-मुहब्बत में भि खतरें हैं
जहाँ गिरती है बिजली हम उसी डाली पे जा बैठेहुआ खून-ए-तमन्ना इसका शिक़वा क्य करें तुमसे
न कुछ सोचा न कुछ समझा जिगर पर तीर खा बैठेन क्यों अंजाम-ए-उल्फ़त देख कर आँसु निकल आये
जहाँ को लूटने वाले खुद अपना घर लुटा बैठे